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बुलंद हौसले से अनामिका ने दी दिव्यांगता को मात, 350 बेसहारा महिलाओं को रोजगार से जोड़ा

जब हौसला हो बुलंद तो कमजोरी भी ताकत बन जाती है.. इस लाइन को चरितार्थ किया है मंदसौर की दिव्यांग अनामिका जैन ने. महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश करने वाली अनामिका आज अनु दीदी के नाम से मशहूर हैं. 35 वर्षीय अनामिका जैन पैरों से लाचार होने के बावजूद अब तक 350 महिलाओं को रोजगार से जोड़ चुकी हैं और उन्हें स्वावलंबी बना चुकी हैं.

7 माह बाद अपने मिले तो नहीं रोक पाई आंसू:विक्षिप्त महिला आश्रम से बुजुर्ग का करवाया पुनर्वास

मंदसौर के अनामिका विक्षिप्त महिला आश्रम द्वारा आज एक बुजुर्ग महिला का पुनर्वास करवाया गया। आज दोपहर में महिला के परिजन उसे लेने पहुंचे। अपनों को देखकर बुजुर्ग महिला रोने लगी और गले लिपटकर कहने लगी कि उसे घर ले जाए। वायडी नगर टीआई जितेंद्र पाठक ने बताया कि 1 माह पहले थाना क्षेत्र के जग्गा खेड़ी रोड पर बने बस स्टॉप में एक विक्षिप्त महिला के होने की सूचना स्थानीय लोगों ने दी थी। यहां से महिला को रेस्क्यू कर विक्षिप्त आश्रम भिजवाया था। विक्षिप्त महिला आश्रम ग्रह की संचालिका अनामिका जैन ने बताया कि 1 माह पहले वाय डी नगर पुलिस बुजुर्ग महिला को आश्रय गृह छोड़ गई थी। महिला की दिमागी हालत ठीक नहीं थी हमने उपचार करवाया। काउंसिलिंग के दौरान महिला ने बताया की उसका नाम सुनीता है और इंदौर के शिप्रा थाना क्षेत्र के बरलाई जागीर गांव की रहने वाली है। उसका भरा पूरा परिवार है और परिवार में मनमुटाव होने के चलते करीब 7 माह पहले घर छोड़कर निकल गई थी। महिला द्वारा बताए गए पते के बाद पुलिस के सहयोग के इंदौर शिप्रा थाने पर संपर्क किया गया यहां पुलिस को महिला की फोटो उपलब्ध करवाएगी इसके आधार पर पुलिस ने महिला के परिजनों को ढूंढ निकाला। आज महिला के बेटे-बहू, नाती-पोते उसे लेने के लिए मंदसौर अनामिका विक्षिप्त आश्रय गृह पहुंचे। महिला के बेटे ने बताया कि मां की उम्र 58 वर्ष से अधिक ही। सात माह पहले वह घर से रुठ कर चली गई थी इसके बाद काफी तलाश किया आज मंदसौर में मां की तलाश पूरी हुई।